pyar bhari holi ki shayari
माना जाता है कि लोग जात धर्म गुस्सा और नफरत सब चीजों को भूल कर एक साथ होली मनाते हैं
दोस्तों इसी बात को बताने के लिए हम आपके लिए लेकर आए हैं जबरदस्त दो बहुत ही बढ़िया होली शायरी तो दोस्तों गौर फरमाइए अर्ज किया है पहला शायरी है देखते हैं
हम पूरे इंडिया को दिल से यही दुआ है इस होली हम सब जात धर्म भूल कर सिर्फ भारतीय बन जाए अरे देते हैं
हम पूरे इंडिया को दिल से यही दुआ है कि इस होली हम सब जात धर्म भूलकर भारतीय बन जाए यह होली के रंग नहीं जानते क्या है
आप की जात धर्म और बोली अरे यह होली के रंग नहीं जानते कि क्या है आप की जात धर्म और बोली इसीलिए हमारे देश के 135 करोड़ को दिल से हमारी तरफ से हैप्पी होली दोस्तों हम होली पर दूसरा बहुत ही सुंदर और जबरदस्त शायरी पेश कर रहे हैं
गौर फरमाए गा अर्ज किया है भगवान से यही दुआ है कि इस बार की होली ऐसी आए इस सब के दिलों से गुस्सा और नफरत मिट जाए भगवान से यही दुआ है कि
इस बार की होली ऐसी आए कि सब के दिलों से गुस्सा और नफरत मिट जाए तब कोई खेलें इस बार बड़े प्यार से होली और इस होली कोई भी प्यार भरे गुलाल से ना बच पाए हैप्पी होली दोस्तों फूल है गुलाब का इसे तोड़ मत देना मेरी जान फूल है
गुलाब का तोड़ मत देना मेरी जान आशिक हूं तुम्हारा मुझे छोड़ मत देना मेरी जान मुझे छोड़ मत देना मेरी जान बागों में फूल तो बहुत है
मगर गुलाब जैसा नहीं है बागों में फूल तो बहुत है मगर गुलाब जैसा नहीं है और स्कूल में लड़कियां तो बहुत हैं मगर मेरी जान जैसी नहीं है
होली पर कविता शायरी
फूलों ने खेलना छोड़ दिया फूलों ने खेलना छोड़ दिया तारों ने चमकना छोड़ दिया होली में अभी बाकी है कई दिन फिर आपने अभी से नहाना क्यों छोड़ दिया दाल मखनी का स्वाद होता है
दाल मखनी का लजीज होता है जिसे याद अजीज होता है होली के बहाने जो करे छेड़खानी वह सबसे बड़ा बदतमीज होता है ठंड में नहा कर पाते हैं ठंड में नहा कर हम पानी बचाते हैं
इसीलिए होली मनाते हैं पड़ोसन के साथ होली खेलते वक्त ध्यान रखें पड़ोसन के साथ होली खेलते वक्त ध्यान रखें
आपके बीवी की नजर आप पर ना पड़ जाए और बिना गुलाल लगाए ही आपका गाल लाल हो जाए शेर कभी छुपकर शिकार नहीं करते शेर कभी छुपकर शिकार नहीं करते बुजदिल कभी खुलकर वार नहीं करते और
हम वह हैं जो हैप्पी होली बोलने के लिए होली के दिन का इंतजार नहीं करते निकल पड़ो गलियों में बनाकर डोली निकल पड़ो गलियों में बनाकर टोली रंग लगाओ
सबकी झोली हंसते अगर वह तो गले लगा लो नहीं तो निकल लो वहां से कहकर हैप्पी होली इस होली ए दिल देना है दान में इस होली यह दिल देना है दान में कोई खूबसूरत लड़की है
सपनो की दुनिया आपनो का प्यार गलो पे गुलाल और पानी की बौछार सुख समंदि और सफलता का हार मुबारक हो आपको होली का त्यौहार मथुरा की खुसबू गोकुल का हार वरदा वन की सुगंध बसाने की फुहार
मत बोलिएगा दिला देना है सारी बुराइयां अपना है सारी अच्छाई रंग उत्सव के महापर्व पर आप को होली की बधाई होली का गुलाल रंगों की बौछार पुआ पकवान अपनों का प्यार वाह भाई वाह प्यारा होली का त्योहार होली का रंग चढ़े
यह सुनिश्चित करना बाय प्रेम के भाव के सदस्य व पदाधिकारी कि भाड़ में गुलाल की बौछार में आओ मिलकर हम नहा ले इस होली के त्योहार में रंग गुलाल लगाएंगे हम ढोल नगाड़े बजायेंगे हम धूम धाम से होली मना कर दो स्वर्ग बनाएंगे
होली शायरी 2 लाइन
कहां गई हो होली में खुशी के पल कहां गई वो बोली जिस में खुशी के बिखरे थे पल-पल थी ऐसी खुशी पल-पल थी ऐसी खुशी जिसमें प्यार से सभी जुड़े थे जिसमें प्यार से सभी बड़े थे कृष्ण राधिका और गोपी कृष्ण राधिका और गोपी जिसमें मस्त हुए से झूमे थे
जिसमें मस्त हुए से झूमे थे प्यार के रंगों से रंग जाती थी यह धरती प्यार के रंगों से रंग जाती थी यह धरती की उमंगों से जन-जन की उमंगों से भर आती थी आती थी वह कहां गई कैसे बदलते हैं
पल-पल बदलते हैं पल-पल होली के रंग भर की पिचकारी भर गए नफरत की पिचकारी में स्वार्थ स्वार्थ और लालच से हुआ है भाई भाई का प्यार भाई-भाई का प्यार दूं सब हो रहा हो रहा कहां गई जिसमें रंग ख़ुशी के बिखरे कहां गई
वह होली जिसमें रंग ख़ुशी के दिख रही थी और की हो गई अग्निसाक्षी अग्निसाक्षी नमस्कार आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है उसकी हार्दिक बधाई देती हूं नारी के बिना अधूरा है जहां नारी की पूजा की जाती है वहां देवता निवास करते हैं
अपनी स्वरचित कविता लेकर आई हूं मेरी कविता का शीर्षक है आज की नारी है इसे पसंद करेंगे बेचारी बेचारी हूं मैं आज के युग की नारी हूं
करके मुझको करके मुझको मत देखो मैं सारे जग पर भारी हूं ना बेचारी हूं मैं आज के युग के लिए सदियों से औरों के लिए सदियों से अत्याचार सहे हर बात की सीमा होती है
ऐसे घुट-घुट कर कौन रहे नहीं डरती हूं मैं दुनिया से नहीं डरती हूं मैं दुनिया से अपनों से सदा मैं हारी हूं कम करके मुझको मत आंको मैं आज के युग की नारी मैं बाहर काम पर जाता हूं
लव शायरी
हर ही होता जो खास होता है वह कभी पास नहीं होता यकीन ना आए तो चांद को ही देखो जिसके दूर होते हुए भी दूरी का एहसास नहीं होता आप हमें रुला दो हमें गम नहीं आप हमें रुला दो हमें गम नहीं आप हमें भुला दो हमें कोई गम नहीं जिस दिन हमने आपको भुला दिया समझ लेना
इस दुनिया में हम नहीं जब कोई इतना खास बन जाए उसके बारे में ही सोचना एहसास बन जाए तो मांग लेना खुदा से उसे जिंदगी के लिए इससे पहले कि वह किसी और की सांस बन जाए हम मौत को भी जीना सिखा देंगे बुझी जो शमा तो उसे भी जला देंगे
कसम तेरे पयार की जिस दिन हम जाएंगे दुनिया से एक बार तुझे भी रुला देंगे पैगाम तो एक बहाना था इरादा तो आपको याद दिलाना था आप याद करें या ना करें कोई बात नहीं पर आप की याद आती है
बस इतना ही हमने आपको बताना था ऑटो ने जिसका जिक्र ना किया हो आंखें उनको पैगाम देती है दुनिया से उनको छुपाए कैसे हर धड़कन जो उनका नाम लेती है
होली की मजेदार शायरी
होली पर एक हफ्ता ने आशिकों रंगाई पर होली पर एक हसीना ने आशिक को रंगाई का दर्जा मिले तो बोले जतिन अली जुगनू के डोरी में अभी से गाल जुगनू के गोरी में अभी से गाल तब से अब तक का रखें
उस होली उसने पप्पू पर चलाई रन कि हैप्पी बौछार उस होली उसमें पप्पू पर चलाई रखिए की बौछार की इस होली पर बताया उसके साथ घर परिवार होली पर जानू को रंग बिरंगा दिल हुआ
बाबा होली पर जाने को रंग बिरंगा दिल हुआ बार-बार खेड़ा धन के साथ में कपड़ा धोया रन के साथ में तब दिल बोला चल भाग बाबू भाई होली पर अपने डॉगी डॉगी
उस होली उसने पप्पू पर चलाई रांची हैप्पी बौछार उस होली उसमें पप्पू पर चलाई रखिए की बौछार की इस होली पर बताया उसके साथ घर परिवार होली पर जानू को रंग बिरंगा दिल हुआ बाबा होली पर जाने को रंग बिरंगा दिल हुआ
बार-बार खेड़ा धन के साथ में तेरा चेहरा धोया रन के साथ में तब लाल बाबू भाई होली पर अपने डॉगी डॉगी एक गांव में एक बॉय के साथ किया ऐसा धमाल कि आज काल में खिला रही दो दो जोगनी है होली पर रंग नहीं भारत
होली पर दर्द भरी शायरी
एक दूसरे से बिछड़ कर हम कितने रंगीन हो गई मेरी जान मेरी आंखें मेरी आंखें लाल हो गई लाल हो गई और तेरे हाथ पीले हो गए मेरी जान हैप्पी होली हैप्पी होली बेवफा